रथ सप्तमी (04 - February - 2025)
रथ सप्तमी हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण पर्व है, जो विशेष रूप से सूर्य देवता की पूजा के रूप में मनाया जाता है। यह पर्व माघ माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को मनाया जाता है, जो आमतौर पर जनवरी या फरवरी महीने में आता है। रथ सप्तमी का अर्थ है "रथ" (सूर्य का रथ) और "सप्तमी" (सप्तमी तिथि), अर्थात सूर्य देवता का रथ इस दिन विशेष रूप से श्रद्धा और भक्तिभाव से पूजित होता है।
रथ सप्तमी के महत्व:
सूर्य देवता की पूजा: इस दिन विशेष रूप से सूर्य देव की उपासना की जाती है, क्योंकि यह दिन सूर्य के उत्तरायण होने का प्रतीक है। उत्तरायण का समय सूर्य के सबसे शुभ स्थिति माना जाता है, और इसके प्रभाव से जीवन में समृद्धि और सुख की प्राप्ति होती है।
उज्ज्वल स्वास्थ्य और समृद्धि: रथ सप्तमी पर सूर्य देवता की पूजा करने से जीवन में सुख-शांति, स्वास्थ्य और समृद्धि आती है। कई लोग इस दिन सूर्योदय से पहले उबटन करते हैं और सूर्य को अर्घ्य अर्पित करते हैं।
अर्थ और शिक्षा: रथ सप्तमी का पर्व यह सिखाता है कि हमें जीवन में कठिनाइयों का सामना करते हुए हमेशा सही मार्ग पर चलना चाहिए, जैसे सूर्य देवता अपनी कठिन यात्रा के बावजूद लगातार अपना कर्तव्य निभाते हैं।
रथ सप्तमी के दिन की विशेषताएँ:
रथ सप्तमी का धार्मिक महत्व:
यह पर्व विशेष रूप से सूर्य के रथ की पूजा का प्रतीक है। मान्यता है कि रथ सप्तमी के दिन सूर्य देवता के रथ के पहिए सीधे होते हैं, जिससे उनका प्रभाव पूरे ब्रह्मांड में सकारात्मक रूप से फैलता है।
रथ सप्तमी एक अत्यंत शुभ अवसर है, जो सूर्य देवता की उपासना और आशीर्वाद प्राप्त करने का एक अद्भुत अवसर प्रदान करता है।